जय जय अमर जवान
हँसते-हँसते दे गये प्राणों का बलिदान
ऐसे वीरों का सदा करते हम सम्मान
जय जय अमर जवान जय,जय जय अमर जवान …
ख़ुद से ज्यादा था उन्हें भारत माँ से प्यार
जिसकी रक्षा के लिये छोड़ा था घरबार
भारतवासी की यही है सच्ची पहचान
जय जय अमर जवान जय,जय जय अमर जवान …
ज़ुल्मों को सहते रहे मगर न मानी हार
अंग्रेजों का कर दिया जीना ही दुश्वार
रक्खा था हर हाल में सदा देश का मान
जय जय अमर जवान जय, जय जय अमर जवान …
अंग्रेजों की दासता कभी न की स्वीकार
बना लिया हँसते हुए फाँसी को गलहार
आँखों में छवि देश की मुख पर थी मुस्कान
जय जय अमर जवान जय,जय जय अमर जवान …
डॉ अर्चना गुप्ता