जय जगजननी ! मातु भवानी(भगवती गीत)
जय जगजननी ! मातु भवानी…
(भगवती गीत)
जय जगजननी! मातु भवानी,
दया करु माँ कृपा करु,
लियऽ हमरा अपन शरण में,
आब नै सोच विचार करु।
जन्म-जन्म कऽ पाप हरु माँ
तन मन निर्मल भ जायऽ ,
सदिखन रहय मन,अहींक चरण में,
हमरा में एहन भाव भरु ।
जय जगजननी! मातु भवानी…
विपदा सभ में अचल रहय मन,
हर क्षण अहींक ध्यान रहय,
बीत रहल अछि जीवनकै क्षण सब,
आब तनिक नऽ विलंब करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
ई जग झूठा पल-पल हमरा,
भ्रमजाल में घेरैइ या,
ब्रह्मपिशाच जकरल अछि हमरा,
अहीं एकरा सऽ मुक्त करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
सत्य,सनातन,सुंदरि सपना,
जीवन कऽ आनंद बनै ,
सत्कर्म में बीतै जीवन,
एहन कृपा प्रदान करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
दऽ दिअऽ हमरा अविरल भक्ति,
नित्य बहऽ अश्रुधारा,
नित्य अहींक दरसन हो माँ ,
एहन श्रद्धा प्रदान करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
पर्वत शिखरि हिमालय जेहन,
हमर दृढ़ विश्वास रहय,
मन भरमै नऽ आशंका मे,
किछु तऽ अहां निदान करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
जे रिपु ने हमरा,एहेन सतैलक,
ओकरा अहां वशीभूत करु,
दिशाभ्रम ने होय,आब हमरा,
एहन शक्ति प्रदान करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
सद्गुरु के कृपा हमरा पर,
सदिखन एहिना बनल रहय
मोहपाश में फँसु नै आब हम,
एहन दिव्य प्रकाश करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
भूल कोनो ज होय अनजाने में
तत्क्षणि ओकरा क्षमा करब,
अहांकऽ कीर्ति सदा रहै जग में
शीतल छत्र प्रदान करु।
जय जगजननी! मातु भवानी…
कहैय मनोज महामाया से,
हमरा सनि मूढ़ नहिं जग में,
तनिक कृपा भऽ जायत अहांकऽ,
तऽ भवसागर हम पार करी।
जय जगजननी! मातु भवानी…
मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ०६ /०९/२०२१
मोबाइल न. – 8757227201