जय गजानन जय गजानन
जय गौरी सुत
ओ गणराजा
मोरे अंगना भी आओ
रिद्धि-सिद्धि ओ समृद्धि
घर मेरे भी भर जाओ
मैं हो जाऊं पावन
हो जाऊं मैं पावन
जय गजानन – जय गजानन ।
१)प्रखर तेज बुद्धि के दाता
श्री शंकर पार्वती तात ओ माता
सबसे पहले पूजे तुमको
जग जननी भारत माता
आन वीराजो मूषक लाजो
लडुवन भोग लगावन
हो जाऊं मैं पावन
मै हो जाऊं पावन
जय गजानन ओ गजानन ।
२)चरण पखारू वसन सवारु
आरती तोरी उतारू
भक्त खड़ा है आन पड़ा है
ले अपना परिवार
करो सुरक्षा सबकी रक्षा
अनुनय के मनभावन
हो जाऊं मैं पावन
मै हो जाऊं पावन
जय गजानन ओ गजानन ।
*राजेश व्यास “अनुनय”
बोड़ा राजगढ़ एमपी
जय गजानन जय गजानन