Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2021 · 3 min read

जया त्रिपाठी मिश्रा ने किया साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई की मासिक ई-पत्रिका हरिहरहार के विशेषांक ‘बाल गीतावली’ का भव्य विमोचन

जया त्रिपाठी मिश्रा ने किया साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई की मासिक ई-पत्रिका हरिहरहार के विशेषांक ‘बाल गीतावली’ का भव्य विमोचन

साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई की मासिक ई-पत्रिका हरिहरहार के विशेषांक ‘बाल गीतावली’ का भव्य विमोचन जया त्रिपाठी मिश्रा ने भक्तिकाल में किया। विमोचन के समय उन्होंने कहा- ‘साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई मंच द्वारा संचालित एवं संपादित प्रतिष्ठित “ई -पत्रिका” “हरिहरहार” के विशेषांक “बाल गीतावली” का आज शुभ विमोचन है।
आज २५ दिसंबर की तिथि मेरे लिए अत्यंत गौरवपूर्ण एवं हर्षोल्लास पूर्ण दिवस है क्योंकि आज मुझे आप सभी गुणीजनों के समक्ष इस प्रतिष्ठित
“ई -पत्रिका” के ऑनलाइन विमोचन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
यह गौरवशाली सम्मान प्रदान करने हेतु मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री राजवीर सिंह ‘मंत्र’ जी, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आदरणीय श्री कुमार रोहित “रोज़”जी, राष्ट्रीय प्रमाणन अधिकारी आदरणीया सुश्री संगीता मिश्रा जी, साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई मंच के कर्मठ, प्रबुद्ध एवं सहृदयी प्रदेश अध्यक्ष आदरणीय श्री विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ जी, मधुर वक्ता, विनय शील, सक्रिय एवं इकाई के रचनाकारों को सदैव अपनी मधुर वाणी एवं मीठी मुस्कुराहट से प्रोत्साहन प्रदान करने वाली प्रदेश कार्यकारी अध्यक्षा आदरणीया दीदी दवीना अमर ठकराल जी, प्रदेश अलंकरण प्रमुख आदरणीया सन्तोषी किमोठी विशिष्ठ जी एवं संपूर्ण संपादक मंडल का ह्रदय तल से आत्मीय आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करती हूं।
पत्रिका के इस सुंदर के नाम से ही यह आभासित है कि पत्रिका नन्ही मुन्नी किलकारियों एवं बाल गीतों के मधुर इंद्रधनुषी रंगों से सुसज्जित है।

अधरों की मुस्कान हमारे
नन्हे मुन्ने प्यारे-प्यारे
अपनी चंचल मुस्कान बिखेरे
घर बगिया के नन्हे तारे।।

बाल रूप में कृष्णा लगते
नैनों में सपने हैं सजते
आने वाला कल इनसे है
मन को ये हर्षित हैं करते।।

इस अनुपम व अद्वितीय नवंबर अंक में ४९ पृष्ठों का सुंदर संकलन है। सभी श्रेष्ठ गुनी जनों के सुंदर आशीर्वचनों के उपरांत हमारे साहित्यिक परिवार के प्रबुद्ध रचनाकारों द्वारा सृजित रचनाएं बाल मनोभावों को जागृत करती हैं। कहीं चंदा मामा से कौतूहल पूर्ण मुलाकात, तो कहीं तितली और पतंग के मनमोहक रंग, कहीं मिठाई की मिठास तो कहीं नानी और मां के अमूल्य आंचल में वापस पहुंच जाने की लालसा जागृत करती रचनाएं स्वयं की बचपन की स्वर्णिम यादों को सम्मुख ले आती हैं।
बाल प्रकृति व किलकारियों से परिपूर्ण कृतियों का बेमिसाल संग्रह “बाल गीतावली” पाठकों के समक्ष एक अमूल्य एवं स्वर्णिम उपहार के रूप में उपस्थित हुआ है।
सभी मनीषियों को असीम शुभकामनाएं एवं बधाइयां।
साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई एक ऐसा साहित्यिक मंच है जहां हर रचनाकार अपनी भावनाओं व कल्पनाओं को विभिन्न विषयों के माध्यम से इंद्रधनुषी रंगों के रूप में व्यक्त करता है। सम्मान पत्र के रूप में मनोहर प्रोत्साहन स्वयं को विकसित करने की नवीन दिशा प्रदान करता है।यह मंच रचनाकारों को आत्मविश्वास व साहित्य की सुंदर ज्ञान से परिपूर्ण करता है।
मां शारदे को नमन करते हुए मैं आज इस पावन मंगलमय भक्ति काल में अद्वितीय अनुपम व मनोहारी ‘हरिहरहार’ पत्रिका का सानंद एवं हर्षोत्फुल्ल भाव से मंगल विमोचन करती हूं। सभी प्रबुद्ध रचनाकारों एवं चैतन्य पाठकों को हार्दिक बधाई एवं मंगलकामनाएं।
साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई के अध्यक्ष विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’ ने आभार व्यक्त करते हुए कहा- ‘आदरणीया जया त्रिपाठी मिश्रा जी द्वारा भक्ति काल में साहित्य संगम संस्थान हरियाणा इकाई की मासिक ई-पत्रिका ‘हरिहरहार’ के विशेषांक ‘बाल गीतावली’ का भव्य एवं शानदार विमोचन किया गया। विमोचन के लिए प्रयुक्त आपका एक-एक शब्द नपा-तुला और प्रभावोत्पादक था। आपका अंदाज- ए-बयां बड़ा ही निराला है जो आपकी अभिव्यक्ति को मुखर बनाता है। इस हेतु हरियाणा इकाई आपको हृदय से बधाई देती है एवं धन्यवाद ज्ञापित करती है। ‘बाल गीतावली’ में चयनित सभी रचनाकारों को भी हार्दिक बधाई।

विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’

Language: Hindi
Tag: लेख
650 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
That's success
That's success
Otteri Selvakumar
यादों की बारिश
यादों की बारिश
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
नियम
नियम
Ajay Mishra
जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
नज़र मिल जाए तो लाखों दिलों में गम कर दे।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
अमृत मयी गंगा जलधारा
अमृत मयी गंगा जलधारा
Ritu Asooja
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था
VINOD CHAUHAN
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
पूर्वार्थ
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
Ajit Kumar "Karn"
3872.💐 *पूर्णिका* 💐
3872.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नशा ख़राब है l
नशा ख़राब है l
Ranjeet kumar patre
साँझे चूल्हों के नहीं ,
साँझे चूल्हों के नहीं ,
sushil sarna
मौर ढलल
मौर ढलल
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
..............
..............
शेखर सिंह
"सूखे सावन" का वास्ता सिर्फ़ और सिर्फ़ "अंधों" से ही होता है।
*प्रणय*
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
रहस्य-दर्शन
रहस्य-दर्शन
Mahender Singh
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
आप और हम जीवन के सच... मांँ और पत्नी
आप और हम जीवन के सच... मांँ और पत्नी
Neeraj Agarwal
"हकीकत"
Dr. Kishan tandon kranti
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज
कवि रमेशराज
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
307वीं कविगोष्ठी रपट दिनांक-7-1-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तुम और मैं
तुम और मैं
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...