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11 Mar 2022 · 1 min read

जमीन से आसमान को देखती हूं तो

जमीन से
आसमान को देखती हूं तो
दिल में बस
उसको लेकर
एक ही ख्याल आता है कि
यह विस्तृत और विशाल है
असीमित है पर
मेरी सीमायें हैं
सबसे बड़ी सीमा तो यही कि
मैं उसे दूर से देख सकती हूं पर
उस तक न पहुंच सकती हूं और
न ही उस जैसी बन सकती हूं
मेरे दिल के अहसास
उसके प्रति हमेशा ही
एक से रहते हैं
संवेदनाओं से भरे
वह महान है
एक जमीन पर
विचरने वाले किसी
महान व्यक्तित्व की ही तरह
हर पल जो उसे देखूं और
वह अपने रंग बदल ले तो
ऐ जमीन की समतल
भूरी भूरी मिट्टी
तू मुझे बता कि
मैं क्या करूं।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
205 Views
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