जमीन की भूख
विक्रम पढ़ा-लिखा समझदार युवक था। वह मुंबई शहर में रहता था। अपने जीवन में विक्रम बहुत ज्यादा लापरवाह था। विक्रम के पिता जी के पास धन दौलत की कमी नहीं थी। विक्रम की सबसे बड़ी कमजोरी थी, खाली जमीन खरीदने की भूख।
विक्रम जब भी कहीं खाली जमीन देखता था, तो उस खाली जमीन के मालिक के साथ जमीन खरीदने के लिए संपर्क कर लेता था।
विक्रम उस खाली जमीन को खरीद कर कुछ सालों तक अपने पास रखता था। और नफा नुकसान की सोचे बिना आंख मीच कर बेच देता था। और जमीन बेचने पर घाटा होने के बाद कुछ समय तक अपने कमरे में उदास और मायूस रहता था। उसके इस दुख से उसके माता-पिता भी दुखी हो जाते थे।
और कभी विक्रम को जमीन बेचने पर मुनाफा होता था, तो वह उस मुनाफे के पैसों को यार दोस्तों पर खर्च कर देता था।
विक्रम के पिताजी उसको जमीन की इस भूख के नुकसान के बारे में हमेशा समझाते थे। और कहते थे, “तेरी इन हरकतों से तेरे साथ हम भी बर्बाद हो जाएंगे।”
विक्रम अपनी लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के कारण उनकी इन बातों पर ध्यान नहीं देता था।
जीवन के प्रति उसकी लापरवाही को समझकर उसके माता-पिता विक्रम का एक सुंदर सुशील लड़की से रिश्ता पक्का कर देते हैं। विक्रम शादी करने के लिए अपने माता-पिता के सामने एक शर्त रख देता है, कि “मैं शादी जब करूंगा पहले मैं एक जमीन खरीदूंगा उसके बाद वहां एक आलीशान बंगला बना कर अपने यार दोस्तों रिश्तेदारों को बड़ी पार्टी दूंगा।
विक्रम के पिता विक्रम के कंधे पर हाथ रखकर कहते हैं कि “शादी से पहले तेरा आलीशान बंगला तैयार हो जाना चाहिए।”
दूसरे दिन ही विक्रम आलीशान बंगला बनाने के लिए जमीन देखने अपनी कार से निकल जाता है। जमीन ढूंढते ढूंढते विक्रम को एक बहुत बड़ी खाली जमीन दिखाई देती है। जमीन के चारों तरफ बाउंड्री बनी हुई थी। और बाहर एक बोर्ड लगा हुआ था। उस बोर्ड पर जमीन के मालिक का पता लिखा था।
विक्रम अपने माता-पिता मित्रों के बिना विचार-विमर्श के उस बड़ी सी जमीन को खरीद लेता है। और बिना जानकारी लिए बंगला बनवाने का ठेका भी दे देता है। इस आलीशान बंगले को बनवाने में विक्रम अपनी और अपने पिताजी की सारी जमा पूंजी लगा देता है।
और अपनी शादी से पहले एक बहुत सुंदर आलीशान बंगला बनवा लेता है।
विक्रम अपनी शादी के दूसरे दिन पत्नी और माता पिता के साथ मिलकर शादी की पार्टी की तैयारी करवाता है। उसी समय एक बूढ़ा मजदूर विक्रम के पिता के पास आकर कहता है कि “बाबूजी जिस जमीन पर आपका आलीशान बंगला बना हुआ है, वह जमीन एक पुराने कब्रिस्तान की है।”विक्रम ने इस आलीशान बंगले को बनवाने में अपनी और अपने पिता की सारी जमा पूंजी खर्च कर दी थी।
उसकी जमीन खरीदने की भूख के कारण उसका परिवार बर्बाद हो जाता है। परिवार की बर्बादी के बाद विक्रम को अपने पिता की सारी बात समझ में आती है। लेकिन जब तक उसकी जमीन खरीदने की भूख के कारण बहुत देर हो चुकी थी।
कहानी से सीख: किसी भी तरह की ज्यादा भूख हमेशा नुकसान ही पहुंचाती।