प्यास प्रीत प्रसंग
जब से तुम, पसंद हो गये l
अंग अंग, मृदंग हो गये ll
प्रीत हवा, फिर चली l
प्रीत सुगंध, है फैली ll
दिन रात, भंग भंग हो गये l
ख्वाब ख्याल, बढ बढ उड़े l
दिल में, गहरे गहरे गड़े ll
दिशा दिशा, प्रीत रस रंग हो गये l
मिलन की खबर, जो मिली l
दिल की कली कली, खिली ll
दुःख दुख, चंद चंद हो गये l
ढील पर ढील, जो मिली l
प्रीत हवा, तेज हो चली ll
हम लहराती, पतंग हो गये l
दूरीयों के दुख में, दरिया भरे l
तन मन उसमे, तरे तरे ll
दरिया दिल भी, दंग हो गये l
उनकी याद में, जो है बने l
पहन प्रीत, गहने गहने ll
प्रीत के मधुर, छंद हो गये l
“प्यास” परवान जो चढी l
अग्न अग्न है, बढ़ी बढी ll
परम प्रीत के, प्रसंग हो गये l
अरविंद व्यास “प्यास”
इसे youtube में लय में सुने ..