जब वफ़ापर सवाल होता है
जब वफ़ा पर सवाल होता है
तब बुरा दिल का’ हाल होता है
बात से घात मत कभी करिए
खून में भी उबाल होता है
जब तलक हम सँभल नहीं पाते
फिर नया इक बवाल होता है
याद आता है बचपना जब भी
फिर वही सब धमाल होता है
कौन कितना हिसाब रक्खेगा
रोज ही गोलमाल होता है
दौर दौरों का’ चल पड़ा है अब
रोज कोई हलाल होता है
कौन आता है’ रोज यूँ छत पर
बारिशों में कमाल होता है
हाल होता ख़राब शहरों का
चोर जब कोतवाल होता है
वक्त मिलता न आँसुओं को तब
हाथ में जब रुमाल होता है
हो अगर दिल बुझा बुझा सा तो
गीत में सुर न ताल होता है