जब याद मेरी तुमको आये -आर के रस्तोगी
जब याद मेरी तुमको आये
बस जरा सी गर्दन झुका लेना
मै तुम्हारे दिल में ही रहती हूँ
बस मेरी शक्ल तुम देख लेना
प्रेम पथिक हो तुम अब मेरे
थोड़ी सी प्रतीक्षा कर लेना
प्रेम पगडंडिया पंगु होती
थोडा सा तुम कष्ट उठा लेना
प्राणों से तुम मेरे प्यारे हो
नैनों में मुझे तुम बसा लेना
गिरने लगू जब प्रेम पथ पर
मेरा हाथ तुम पकड़ लेना
जन नींद नहीं तुमको आये
मुझको तुम पास बुला लेना
मै प्रेम गीत जब गाऊँगी
तुम थोडा सा संगीत दे देना
जब तुमको रात में सपने आये
मुझको भी सपनो में बुला लेना
पर स्वपन कभी सच्चे नहीं होते
उनको तुम मेरे लिए झुठला देना
जब नींद तुमको आ जाये
मुझको भी नैनों में बसा लेना
मेरे नयन भी सोये नहीं
बस अपने पास सुला लेना
बरसते बादल कुछ बोल रहे है
उनकी बाते भी तुम सुन लेना
प्यासी प्रेमिका प्रतीक्षा में हे
इसकी प्यास भी बुझा देना
टूर पर जब जाना पड़े तुमको
मुझको भी साथ ले लेना
बिस्तर कही न मिले जब तुमको
मुझको बिस्तर अपना बना लेना
जब जाओ कभी तुम कवि सम्मेलन में
मुझको भी साथ तुम ले लेना
गीत न सुने जब कोई तुम्हारे
मुझे अपना श्रोता बना लेना
आर के रस्तोगी
मो 9971006425