जब मैं छोटा बच्चा था
जब मैं छोटा बच्चा था, समझ में थोड़ा कच्चा था ,
दीदी मुझपर गुस्सा हो जाती, हसाने के लिए तरकीब लगती,
पडोसी मेरी शिकायत ले आते, मम्मी का तब भी अच्छा बच्चा था,
पापा दिनभर मुझको समझाते, मुन्ना इतना सबको नहीं सताते,
ऊँगली पकड़वा साथ घुमाते, मम्मी के जैसे मुझको खाना खिलाते,
जब मैं छोटा बच्चा था, समझ में थोड़ा कच्चा था ,
चार मिट्टी की डलिया घर ले आता, एक दीदी एक मम्मी को दिखता,
एक डली पापा से छिनवाता, एक डली छुपकर खूब मजे से खाता,
हर खिलोने की ज़िद्द मै करता, सब चॉक्लेट ट्रोफी पर नज़र में रखता,
सबको हसाता खूब में हस्ता, सब खेल खतम तब स्कूल कदम में रखता,
जब मैं छोटा बच्चा था, समझ में थोड़ा कच्चा था ,
तनहा शायर हु