Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।

जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए,
मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
खामोशी में एक चीख़ उठा करती है,
एहसासों में एक तीर चुभा करती है।
मुद्दतों बाद सफर सवाल करता है,
निशान क़दमों से मिलने का मलाल करता है।
आशाएं ज़हन को चोट देती हैं,
गूंज दस्तकों को उठने से रोक देती हैं।
बातें जमींदोज खुद को करती है,
ख्वाहिशें अपने हीं पंखों को कतरती हैं।
दिल में एक गुबार उठा करता है,
अनकहे आंसुओं से जो प्यार करता है।
लहरों पर उठती रवानगी याद आती है,
भूली कहानियों की दीवानगी साथ लाती है।
दर्द धड़कनों में घुल के चला करते हैं,
ख्वाब आवारगी का नशा करते हैं।
पहेलियाँ सुलझने से डरा करती हैं,
जज्बातों को होश फ़ना करती है।
लब्ज पन्नों में उतर आते हैं,
रूह को शिद्दत से, जो सहला जाते हैं।

79 Views
Books from Manisha Manjari
View all

You may also like these posts

*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मैथिली
मैथिली
श्रीहर्ष आचार्य
खुद
खुद
Swami Ganganiya
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
जीवन को सुखद बनाने की कामना मत करो
कृष्णकांत गुर्जर
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
- श्याम वर्ण की डोरी -
- श्याम वर्ण की डोरी -
bharat gehlot
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
नज़रें!
नज़रें!
कविता झा ‘गीत’
ई हवे मिलन तेवहार
ई हवे मिलन तेवहार
आकाश महेशपुरी
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
रामधारी सिंह दिवाकर की कहानी 'गाँठ' का मंचन
आनंद प्रवीण
संस्कार में झुक जाऊं
संस्कार में झुक जाऊं
Ranjeet kumar patre
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
ज़िन्दगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो,
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
उदर क्षुधा
उदर क्षुधा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
* बचपन *
* बचपन *
भूरचन्द जयपाल
मधुमाती होली
मधुमाती होली
C S Santoshi
पुत्रमोह
पुत्रमोह
manorath maharaj
यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
यहां लोग सिर्फ़ औकात देखते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम पंक्षी एक डाल के
हम पंक्षी एक डाल के
Ahtesham Ahmad
किसने किसको क्या कहा,
किसने किसको क्या कहा,
sushil sarna
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#दिवस_विशेष-
#दिवस_विशेष-
*प्रणय*
प्रेमनगर
प्रेमनगर
Rambali Mishra
संवेदना मर रही
संवेदना मर रही
Ritu Asooja
नैन (नवगीत)
नैन (नवगीत)
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
राम मंदिर की सुंदरता
राम मंदिर की सुंदरता
Rahul Singh
ललकार ने ललकार मारकर,
ललकार ने ललकार मारकर,
श्याम सांवरा
‘प्रेम’
‘प्रेम’
Vivek Mishra
"गलत"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...