जब भी सोचता हूं, कि मै ने उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहसास कराती है कि मैं उसे अभी तक थोड़ा भी नहीं समझा हूं, पता नहीं यह हरकतें वह जानबूझकर करती है या फिर अभी उसमें बचपना भरा है, लेकिन वह जिस तरह से अपने आप को परेशानियों में डालती रहती है इस बात से मुझे इतना तो यकीन है कि उसके अंदर कहीं ना कहीं अभी बचपना मौजूद है खैर बचपना हर किसी को नसीब नहीं होते किशोर अवस्था आते-आते जिंदगी हमें बचपना से धकेलते हुए गंभीरता की ओर लेकर जाती है लेकिन ऐसी शरारती लड़की से अगर जो मैंने इश्क किया है इसका मतलब यह तय है की उम्र भर उसका ख्याल मुझे ही रखना होगा।
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