जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे।
कुछ भी हो तो भूल मत जाना मुझे।
जब भी मिलना प्यार से मिलना मुझे।
एक तुम तक मुख़्तसर है ज़िंदगी।
एक तेरे साथ है चलना मुझे।
संग दिल है ख़्वाब शीशे का महल।
एक कंकर से नहीं ढहना मुझे।
प्यार की सारी रवायत याद रख।
दूर जाके बेवफ़ा कहना मुझे।
शक बनी बुनियाद ना हो प्यार की।
सोच लो फिर शौक़ से चुनना मुझे।
ये मेरा दिल है किराए का मकाँ।
तुम रहो बस प्यार ही करना मुझे।
मांँग ले गर चांँद मुझसे चांँदनी।
सिर्फ़ “दीपक” है तभी जलना मुझे।
©®दीपक झा रुद्रा