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26 Mar 2022 · 1 min read

जब भी मिलते हो बहुत हंसते हो।

जब भी मिलते हो बहुत हंसते हो।
शायद इश्क ना हुआ है जो यूं रहते हो।।1।।

यूं दिल तो बड़ा मनचला होता है।
इतना कैसे इसको संभाल के रखते हो।।2।।

हुस्न भीं जन्नत ए हूर का पाया है।
शायद तुम ना दिल वालो से मिलते हो।।3।।

मौसम ए बहार जैसे तुझे चाहता है।
यूं कली से बनते हुए फूल से लगते हो।।4।।

तेज हवाओं ने कभी छुआ नही है।
हमेशा खिल खिलाते फूल से लगते हो।।5।।

अब ताज के बताए दिले अरमान।
तुम आदाओं से बेकरार इन्हे करते हो।।6।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

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