बस…! तुम्हारा नाम मै दोहराता हूँ…!!
जब भी देखता हूँ तुम्हे, सोचने की वजह भी भूल जाता हूँ..!
जब भी सोचता हूँ तुम्हे, सारे ग़म भूल जाता हूँ.. !
ज़ब भी अकेले मे याद करता हूँ तुम्हे,
तुम्हारी तस्वीर ख़्वाबों मे लिए सो जाता हूँ,.. !
ज़ब भी सोता हूँ,…तुम्हारे सपनो मे डूब जाता हूँ.. !
जब भी डूबता हूँ सपने मे, सिर्फ तुम्हारी तस्वीर बनाता हूँ..!
ज़ब भी बनती है तस्वीर तुम्हारी,… हाय.. !
केशुओ मे गुँथा चला जाता हूँ… !
और ज़ब भी कोई पूछे नाम मेरा.., बस… !
तुम्हारा नाम मैं दोहराता हूँ… !!