Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2019 · 1 min read

जब भी खुद को यार जगाओगे

जब भी खुद को यार जगाओगे
?????????
ताक़त से जीत दबा सकते हो,कुचल मसल राजा बन जाओगे।
क्या सच्ची जीत तुम्हारी होगी,जब राज दिलों पर ना पाओगे।।
मोहब्बत तो दिल से होती है,
ताक़त का इस पर ज़ोर नहीं है,
जब कोई प्यारा लगने लगता,
खुद का भी रहता गौर नहीं है,
चाहत को चाहत से चाहोगे,दीवाने तब ही कहलाओगे।
ताला चाबी-सी प्रीत बनेगी,इक-दूजे को फिर न भुलाओगे।।

तन-मन दोनों को सुंदर करना,
कोई खुद आप खिंचा आएगा,
माँगे से तो भीख नहीं मिलती,
सोचो मोती कौन लुटाएगा?
लालच देकर गर यार लुभाओगे,यार मिला प्यार नहीं पाओगे।
रिश्ता ये समझौते का होगा,लूटिए आज कल लुट जाओगे।।

आज ज़माना ये दूर सही पर,
तुमको भूला तो हार नहीं है,
राह बहारों की ना देखे जो,
ऐसा कोई गुलज़ार नहीं है,
जब भी खुद को यार जगाओगे,जोश लिए बढ़ते ही जाओगे।
मंज़िल भी होगी जब दीवानी,प्रीतम तुम सबके हो जाओगे।।

–आर.एस.प्रीतम
Copyright@radheys581@gmail.com

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
फितरत
फितरत
Srishty Bansal
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
"जीवन का प्रमेय"
Dr. Kishan tandon kranti
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
Dushyant Kumar
* प्रभु राम के *
* प्रभु राम के *
surenderpal vaidya
सत्य प्रेम से पाएंगे
सत्य प्रेम से पाएंगे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
■ खाने दो हिचकोले👍👍
■ खाने दो हिचकोले👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
जो मुस्किल में छोड़ जाए वो यार कैसा
Kumar lalit
सुख दुख
सुख दुख
Sûrëkhâ Rãthí
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
कहीं फूलों की बारिश है कहीं पत्थर बरसते हैं
Phool gufran
जहाँ खुदा है
जहाँ खुदा है
शेखर सिंह
अभागा
अभागा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
3022.*पूर्णिका*
3022.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुक समीक्षा
बुक समीक्षा
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
हम खुद से प्यार करते हैं
हम खुद से प्यार करते हैं
ruby kumari
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
चलो चलें बौद्ध धम्म में।
Buddha Prakash
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
*ये उन दिनो की बात है*
*ये उन दिनो की बात है*
Shashi kala vyas
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
ताटंक कुकुभ लावणी छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
अधूरी सी ज़िंदगी   ....
अधूरी सी ज़िंदगी ....
sushil sarna
नारी
नारी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...