जब बापू की याद आती हैं…
दिल से एक आह-सी आज भी निकल जाती हैं,
जब बापू की याद आती हैं… !
था कितना वो… मनहूस दिन….
जब बापूने अपने प्राण गवाए होंगे …!
कितनी खामोशी… चारों दिशा में छाई होंगी…!.!.!
बापू चले गए हैं…!!..!!.!
ये सच्चाई सबने कैसे स्वीकारी होगी…!!
दुनिया को अलविदा कह चुके बापू
ये.. बात किसने नहीं मानी होगी…!..!..!
जब लगी उनको गोली… तब मुख से बोले.. हे… राम…
ये.. थी उनकी आखरी तमन्ना…!!
वो.. कहते थे अगर मौत के वक्त मेरे मुंह से निकले
ये शब्द… तो मैं होगा बडा ही भागवाला..!!
सीधेसादे कोमल स्वभाव के बापूने,
अहिंसा के पथ पर चल,
अनमोल आज़ादी दिलाई थी,
आज…देखो बापू की आज़ादीवाले देश में
लोग कितनी सह रह हैं गुलामी…!!
आतंकवाद, अत्याचार, भष्टाचार के अग्नि में,
जल रहा हैं हर हिन्दुस्तानी…!!
आज भी गूंजती हैं इतिहास के पन्नो में
आज़ादी के नारो की वो कहानी…!
वो… भी देखो चीख चीखकर कहते हैं…
कहां हो.. प्यारे बापू…महात्मा गाँधी बापू…!!!!