*जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)*
जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है (मुक्तक)
—————————————-
जब नशा साँसों में घुलता, मस्त मादक चाल है
गा रही है जब प्रकृति, सुर में घुली लय-ताल है
झूमते हैं पेड़-पौधे, और कोयल कूकती
अर्थ इसका आ गया, अपना नया शुभ साल है
————————————-
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451