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16 Nov 2018 · 1 min read

जब दर्द हद से बढ़ जाता है।

जब दर्द हद से बढ़ जाता है।
गम आंसू में ढल जाता है।

जब दर्द हद से बढ़ जाता है।
जीना मुश्किल हो जाता है।

जब दर्द हद से बढ़ जाता है।
दिल बगाबत पर उतर आता है।

जब दर्द हद से बढ़ जाता है।
दिल पत्थर हो जाता है।
#राघवेंद्र ‛राज’

2 Likes · 3 Comments · 166 Views
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