जब तुम मिलोगे ….
ख्वाब आँखो में बसा लेगे जब तुम मिलोगे
अश्क पलको से उठा लेगे जब तुम मिलोगे.
तुफा के थपे से कस्ती डगमगाती जरूर है ?
नांव साहिल पर चला लेगे जब तुम मिलोगे..
माना की हम जी रहे अन्धेरे चरागों के बीच.
प्यार का एक दिप जला लेगे जब तुम मिलोगे….
( संजीव पासवान )