Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

*जब तक दंश गुलामी के ,कैसे कह दूँ आजादी है 【गीत 】*

जब तक दंश गुलामी के ,कैसे कह दूँ आजादी है 【गीत 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
जब तक दंश गुलामी के ,कैसे कह दूँ आजादी है
(1)
अपमान-चिन्ह हर चार कदम पर अब भी हमें चिढ़ाते
सम्मान-बिंदु अपमानित अब भी भारत के कहलाते
अब भी वही दासता वाला, दिखा कृत्य उन्मादी है
(2)
तीर्थ देश के जो गौरव के, शीर्ष प्रेरणादायक थे
जन-मन के प्रभु जहाँ विराजे, जहाँ राष्ट्र के नायक थे
बसी उदासी सदियों से ज्यों, उनके भीतर लादी है
(3)
काश बोल पाता अतीत, सदियों की व्यथा सुना जाता
क्रूर-कार्य असहिष्णु-सोच, कट्टरता वाला बतलाता
लूटी गई स्वर्ण की चिड़िया ,भारत की बर्बादी है
(4)
अपनी भाषा अपनी संस्कृति, पूजा-गृह को खोया है
शौर्य महापुरुषों का अनुपम, सत्य सनातन सोया है
मुँह मत खोलो चौड़ा ज्यादा, लो हो गई मुनादी है
जब तक दंश गुलामी के ,कैसे कह दूँ आजादी है
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
381 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
वोट डालने जाएंगे
वोट डालने जाएंगे
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
आने जाने का
आने जाने का
Dr fauzia Naseem shad
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
3062.*पूर्णिका*
3062.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चंदा मामा (बाल कविता)
चंदा मामा (बाल कविता)
Ravi Prakash
ढूंढें .....!
ढूंढें .....!
Sangeeta Beniwal
था जब सच्चा मीडिया,
था जब सच्चा मीडिया,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
वक्त
वक्त
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
बाबासाहेब 'अंबेडकर '
Buddha Prakash
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
I have recognized myself by understanding the values of the constitution. – Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
कहानी हर दिल की
कहानी हर दिल की
Surinder blackpen
"रुदाली"
Dr. Kishan tandon kranti
जो सुनना चाहता है
जो सुनना चाहता है
Yogendra Chaturwedi
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
हिरख दी तंदे नें में कदे बनेआ गें नेई तुगी
Neelam Kumari
मन के द्वीप
मन के द्वीप
Dr.Archannaa Mishraa
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
जिंदगी बंद दरवाजा की तरह है
Harminder Kaur
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
खुशी की खुशी
खुशी की खुशी
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
सुनो प्रियमणि!....
सुनो प्रियमणि!....
Santosh Soni
अधूरी कहानी (कविता)
अधूरी कहानी (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
जब  मालूम है  कि
जब मालूम है कि
Neelofar Khan
**बात बनते बनते बिगड़ गई**
**बात बनते बनते बिगड़ गई**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
02/05/2024
02/05/2024
Satyaveer vaishnav
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
Loading...