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13 Feb 2019 · 1 min read

जब जियादा चढाव होता है

ग़ज़ल –
जब जियादा चढाव होता है।
रास्तों में घुमाव होता है।।

हो ही जाता है दूर लोगों से।
तेज जिसका भी भाव होता है।।

पेड़ आँंधी में वो बचे रहते।
जिनमें थोड़ा झुकाव होता है।।

तीर तलवार से जियादा तो ।
गहरा शब्दों से घाव होता है।।

याद आते “अनीश” राम तभी।
देश में जब चुनाव होता है।।
– – अनीश शाह

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