जब जाता हूं उनसे मिलने
चिंताएं छूट जाती है
दर्द भी रूठ जाता है
जब जाता हूं मैं उनसे मिलने
सब पीछे छूट जाता है।।
दिल में उमंग छा जाती है
नए अरमान जाग जाते है
आकाश में बादल आ जाते है
जब हम उनसे मिलने जाते है।।
फूल खिल जाते है गुलों में
बहार आ जाती है दिलों में
जब जाता हूं मैं उनसे मिलने
उम्मीद जाग जाती है दिलों में।।
बारिश होती है जमीं पर लेकिन
नमी दिखती है मेरी आंखों में
जब जाता हूं मैं उनसे मिलने
खो जाता हूं उनकी आंखों में।।
उसे देखूं या बातें सुनूं उसकी
इस असमंजस में ही रहता हूं
जब जाता हूं मैं उनसे मिलने
अपने दिल के जज़्बात बताता हूं।।
भूल जाता हूं में सबकुछ
बस उसके बारे में सोचता हूं
जब जाता हूं मैं उससे मिलने
उसमें अपने आप को खोजता हूं।।
सबकुछ थम सा जाता है
ये हवा भी रुक जाती है
जब जाता हूं मैं उनसे मिलने
उनकी आंखें भी झुक जाती है।।
समय ही है जो चलता रहता है
कब सुबह से शाम हो जाती है
ये भी तो पता नहीं चलता हमें
जब हम उनसे मिलने जाते है।।