Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2024 · 1 min read

जब-जब निज माता को छोड़,

जब-जब निज माता को छोड़,
जगमाता को पूजे नर व नारी;
पूजित जगमाता खुश भी हो,
निज माता नाराज हुई तो,
कुछ भी हो;
विपत्ति पड़ेगी सदा ही भारी।

pk

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from पंकज कुमार कर्ण
View all
You may also like:
"सरताज"
Dr. Kishan tandon kranti
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
व्यंग्य क्षणिकाएं
व्यंग्य क्षणिकाएं
Suryakant Dwivedi
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
“MY YOGA TEACHER- 1957” (REMINISCENCES) {PARMANPUR DARSHAN }
DrLakshman Jha Parimal
मिल  गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
मिल गई मंजिल मुझे जो आप मुझको मिल गए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
Sonam Puneet Dubey
👏बुद्धं शरणम गच्छामी👏
👏बुद्धं शरणम गच्छामी👏
*प्रणय प्रभात*
टूटी बटन
टूटी बटन
Awadhesh Singh
*सत्य की खोज*
*सत्य की खोज*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
कभी हसरतें थी कि, तेरे शहर में मेरा मकां होगा
Manisha Manjari
इक पखवारा फिर बीतेगा
इक पखवारा फिर बीतेगा
Shweta Soni
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
जिसे चाहा था खुद से भी जादा उसी को पा ना सका ।
Nitesh Chauhan
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
सार छंद विधान सउदाहरण / (छन्न पकैया )
Subhash Singhai
*जिंदगी*
*जिंदगी*
नेताम आर सी
#नादान प्रेम
#नादान प्रेम
Radheshyam Khatik
सुबह-सुबह की लालिमा
सुबह-सुबह की लालिमा
Neeraj Agarwal
नेता
नेता
surenderpal vaidya
यथार्थ में …
यथार्थ में …
sushil sarna
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
माता रानी का भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
पर्यावरण
पर्यावरण
Neeraj Mishra " नीर "
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
कलयुग के बाबा
कलयुग के बाबा
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
*डॉ मनमोहन शुक्ल की आशीष गजल वर्ष 1984*
*डॉ मनमोहन शुक्ल की आशीष गजल वर्ष 1984*
Ravi Prakash
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
4167.💐 *पूर्णिका* 💐
4167.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह
ललकार भारद्वाज
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
कुछ लोग चांद पर दाग लगाते हैं,
कुछ लोग चांद पर दाग लगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
Loading...