जब जब देखिला अँजोरिया मन हमार बिहुसेला(भोजपुरी)
जब जब देखिला अँजोरिया मन हमार बिहुसेला
लोर बहैला आखि से मागिया सजे करैज तरसैला
जिनगी सभालि कैसे फुनुगी हमार से लप्पकैला
घनि बँसवरिया मिली कैसे आई लोगन मन ठनकैला
जब जब देखिला अँजोरिया मन हमार बिहुसेला
प्यार काहे पाप होला दिने दिने देहिया भखरैला
बाबू माई के चक्कर मे तेजि माहुर खाय कल कहकैला
चिरई चुगलपन करैला छिप्पे पर,नाग देख हमरा डरैला
प्यार पागलपन काहे होला,जहान से भटकैला
जब जब देखिला अँजोरिया मन हमार बिहुसेला
आँखि में लोर,मन में पीरा बा पोसल खुन लहरैला
जिनिगी से जूझत बानी,मौत नाहि काहे आबैला
झंखत बानी फाटल करैज रैल जैसे धक धक धडकैला
गलती कयनि अपने से,फासि जेसै सजा भी पाईला
जब जब देखिला अँजोरिया मन हमार बिहुसेला
मौलिक एवं स्वरचित
© श्रीहर्ष आचार्य