जब जब तुम्हे भुलाया
जब जब तुम्हे भुलाया, तुम याद आने लगे!
गुरबतो के लम्बे साए,और करीब छाने लगे!!
है हश्र तेरी मुहब्बत का,या फिर मेरी तडप,
गोया दिन कट जाए,रात ख्वाबो मे आने लगे!!
मैने सजोया नही कोई अक्स तेरे दीदार का!
करू क्या जो तेरे साए भी, डराने आने लगे!!
ख्आबो और ख्यालो मे भी कोई हमनवा नही,
अब तो गैरो के किस्से भी, रुलाने आने लगे!!