जब चीर के कलेजा से दिल को निकला जायेगा !
उठो बेड़ियाँ खनकाओ और ज़रा यलगार करो
खनकते बाजूाओं से तुम दहलता संग्राम करो।
अपनी दर्दों के सीने पे चढ़ के चीत्कार करो
आओ सब मिल कर अबकि प्रतिकार करो ।
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जब चीर के कलेजा से दिल को निकला जायेगा,
क्या उस दिन तुम से उठ कर चिल्ल्या जायेगा।
जब भूखे बच्चों को आगो के लपटों से सहलाया जायेगा
तब भी क्या हक़ कि बात पे आवाज़ न उठाया जायेगा ?
गर उठे नहीं, गर तने नहीं, तन कर जो तुम लड़े नहीं
बेबस और लाचारों का बस जमात ही समझा जायेगा।
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07-05-2019