जब चांदनी रातों मे
जब चांदनी रातों में
जब चाँदनी रातों में, जब हवा छूकर गुजरती हैं,
मेरी मन की प्रिय मीत, तेरी याद सताती हैं।
सुरीली सदियों में, बिछी हुई धूप की किरणों में,
तू जीवन की कुछ ख़ास बातें लिए साथ आती हैं।
प्यारी मीत, तेरी कविताओं का जादू हमेशा मंत्रमुग्ध करता हैं,
बीते पलों की यादें उजागर हो जाती हैं।
तेरी बातें सुनते ही, रूह मेरी कुछ नया महसूस होता हैं,
मन को मनाने में, तू हमेशा होती समझदार लगती हैं।
कविता की क्षितिज में छुपे प्रेम की ऊर्मि ढूंढ़ लेती हैं,
विचारों की बोली बनकर, मन को सभी भावों में लेती हैं।
तेरी कविता मेरे दिल की ठाक धड़कती हैं,
सुख और दुःख के लहरों में ऐसी ही गति रखती हैं।
प्यारी मीत, तेरी कविताओं की बहार निरंतर बनी रहे,
मेरे मन मे खुशियों की फ़सलें हमेशा उगारती रहें।
ये कविताओं की दुनिया मेरे लिए तेरी ख़ास प्रेम वाणी हैं,
मेरी मन की प्रिय मीत, तू हमेशा साथ बनी रहे।
कार्तिक नितिन शर्मा