जब कोई सैनिक सीमा पर जाते है ।
कविता :- 14(57) हिन्दी ✍️ रोशन कुमार झा ??
Roshan Kumar Jha, রোশন কুমার ঝা
-: जब कोई सैनिक सीमा पर जाते है । :-
जब कोई सैनिक सीमा पर जाते है ,
कभी आते है, तो कभी वह घर लौट कर नहीं आते है ।
बड़ा मन घबड़ाते है ,
जब कोई सैनिक सीमा पर हमेशा के लिए सो जाते है ।।
मरने के बाद आते है , तिरंगा में आते है ,
उनके अस्थियां भी नदी गंगा में जातें है ।
मैं देशभक्त कवि रोशन महसूस कर चुका हूं, सब दिखावा है
बाज़ार करने लोग सिंगापुर, दरभंगा जाते है ,
बोलो सेना के आलावा कौन सीमा के दंगा में जाते है ।
कोई नहीं , सब घर बैठे काली पूजा, ईद, दिवाली मनाते है ,
फल फूल से घर द्वार, बाड़ी सजाते है ।
और सीमा पर सैनिक देश सेवा के लिए गोली खाते जाते है ,
कमाते है, वे कमाई के लिए नहीं,
बल्कि देश सेवा के लिए मरे जाते है ।।
जब कोई स्त्री अपनी पति ,
कोई माँ बाप अपने पुत्र को खोने लगते है ,
हम क्या ? प्रकृति भी रोने लगते है ।
देशभर में हलचल होने लगते है ,
कब ? जब कोई सैनिक हमेशा के लिए सोने लगते है ।।
?✍️ धन्यवाद
® ✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज , कोलकाता
10-12-2019 मंगलवार 09:34
CATC (KB-14) ,3 Bengal Bn Ncc, Camp शिविर में
रिषड़ा विद्यापीठ में कविता :-16(61)
ग्राम :- झोंझी, मधुबनी, बिहार ,
मो :- 6290640716