जब काम किसी का बिगड़ता है
जब काम किसी का बिगड़ता है
तो मनुष्य आपा खो देता है…
क्रोध में खुद को भुला देता है,
पर होश जब ठिकाने लगता है
तो बहुत कुछ पीछे छूट जाता है।
…. अजित कर्ण ✍️
जब काम किसी का बिगड़ता है
तो मनुष्य आपा खो देता है…
क्रोध में खुद को भुला देता है,
पर होश जब ठिकाने लगता है
तो बहुत कुछ पीछे छूट जाता है।
…. अजित कर्ण ✍️