प्रणय 10
जब उन्होंने मुझसे कहा-
तुम चांद हो मेरा!!
मेरे अंदर से आवाज आई –
मैंने सूरज की तरह स्वयं को जलाया है
तब जाकर मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं
कोई कैसे कह सकता है?? कि मैं उसकी रोशनी से चमकती हुं।।
जब उन्होंने मुझसे कहा-
तुम चांद हो मेरा!!
मेरे अंदर से आवाज आई –
मैंने सूरज की तरह स्वयं को जलाया है
तब जाकर मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं
कोई कैसे कह सकता है?? कि मैं उसकी रोशनी से चमकती हुं।।