Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2024 · 1 min read

*जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छ

जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है (राधेश्यामी छंद )
_______________________
जब आयु साठ हो जाती है, वृद्धावस्था जब छाती है
तब आमदनी बूढ़े तन के, फिर कहॉं हाथ में आती है
दो पैसे कमा नहीं पाना, यह जब होती मजबूरी है
सरकारी हो या निजी व्यक्ति, तब पेंशन बहुत जरूरी है

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

32 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
याद आती है हर बात
याद आती है हर बात
Surinder blackpen
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
किस क़दर बेकार है
किस क़दर बेकार है
हिमांशु Kulshrestha
फूल
फूल
Pt. Brajesh Kumar Nayak
परीक्षा
परीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जय श्री राम
जय श्री राम
आर.एस. 'प्रीतम'
3232.*पूर्णिका*
3232.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
Rj Anand Prajapati
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जमात
जमात
AJAY AMITABH SUMAN
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
*बेसहारा बचपन*
*बेसहारा बचपन*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दायित्व
दायित्व
TAMANNA BILASPURI
चलो चाय पर करने चर्चा।
चलो चाय पर करने चर्चा।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"हर कोई अपने होते नही"
Yogendra Chaturwedi
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
मौसम सुहाना बनाया था जिसने
VINOD CHAUHAN
"खैरात"
Dr. Kishan tandon kranti
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
...और फिर कदम दर कदम आगे बढ जाना है
'अशांत' शेखर
पास तो आना- तो बहाना था
पास तो आना- तो बहाना था"
भरत कुमार सोलंकी
नारी भाव
नारी भाव
Dr. Vaishali Verma
आग पानी में भी लग सकती है
आग पानी में भी लग सकती है
Shweta Soni
🙅सीधी-सपाट🙅
🙅सीधी-सपाट🙅
*प्रणय प्रभात*
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
गुमनाम 'बाबा'
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
*ऐसी हो दिवाली*
*ऐसी हो दिवाली*
Dushyant Kumar
इस राह चला,उस राह चला
इस राह चला,उस राह चला
TARAN VERMA
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
Loading...