जब आतीं तुम वर्षा रानी
जब आतीं तुम वर्षा रानी
झम झम झम बरसातीं पानी
काले काले मेघा लातीं
कड़क दामिनी भी चमकातीं
करतीं फिर अपनी मनमानी
जब आतीं तुम वर्षा रानी
झूमें तरुवर और लताएं
ठंडी ठंडी चलें हवाएं
हरियाली भी लिखे कहानी
जब आतीं तुम वर्षा रानी
छुप जाते जब सूरज प्यारे
लगते सुंदर सभी नज़ारे
रुत हो जाती बहुत सुहानी
जब आतीं तुम वर्षा रानी
लगा लगा मनमोहक छाते
लोग घरों से बाहर आते
धरा पहनती चूनर धानी
जब आतीं तुम वर्षा रानी
डॉ अर्चना गुप्ता