जबान है ___ बंधु ___उद्धरण
(१)___
“”जबान है__ बंधु ,
जब भी खोले,पहले तोले _
बोलने योग्य हो तो ही बोले।आपका कथन किसी
को आहत न करते हुए राहत दे ,यही आपके संयम
की जीत है।।”
(२)___
” कर्म में सफलता न मिलने पर अनेक दफा,
निराशा छा जाती है, ऐसे में किसी हताश को देखकर
स्वयं में आशा का संचार करे।।”
(३)___
“अपना आंकलन स्वयं न कर सके तो,कोई ऐसी गतिविधि अपनाएं जिसके बल पर समाज में अपनी क्या हवा चल रही है,महसूस की जा सके।”
(४)___
” सत्य का हाथ थामिए_ झूठं का साथ त्यागिये।
समझिए आत्मिक शांति आपके अंतकरण में प्रवेश कर रही है।।”
राजेश व्यास अनुनय