जबसे साईं से लौ लगाई है
जबसे साईं से लौ लगाई है
हर ख़ुशी मेरे दर पे आई है
हर ख़ुशी मेरे दर पे…….
मैंने बाबा से कुछ भी माँगा नहीं
बिन कहे हर मुराद पाई है //१.//
हर ख़ुशी मेरे दर पे…….
अश्क पोंछे जो दीन दुखियों के
ज़िंदगी मेरी मुस्कुराई है //२.//
हर ख़ुशी मेरे दर पे…….
ज्ञान की रौशनी में उतरे तो
ज़िंदगी मेरी जगमगाई है //३.//
हर ख़ुशी मेरे दर पे…….