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23 Jan 2021 · 1 min read

जन मन में जीवित हैं सुभाष, भले नहीं है काया

आज ही के दिन अखंड भारत में,
जन्मा एक सितारा था
भारत मां की आजादी का, महावीर बलिदानी था
भारत मां की आजादी में, जिसने सर्वस्व लुटाया था
छोड़ दिया घर बार, आईसीएस भी ठुकराया था
दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य से,
अकेला ही टकराया था
कब तक गोली डंडे खाऊं?,
कब तक जनता को मरवाऊं ?
कुटिल भ्रष्ट बेईमानों को, कैंसे अपना शीश झुकाऊं?
गांधी से मतभेद हो गए, वे कांग्रेस को छोड़ गए
एक अकेले अपने दम पर, आजाद हिंद फौज बनाई
सूरज नहीं अस्त होता था , वह अंग्रेज सरकार घबराई
एक अकेले ने दुनिया में, अपने दम पर लड़ी लड़ाई
हिटलर भी जब मिलने आया, डुप्लीकेट भिजवाया
नेता जी ने कहा पलट कर, जब असली हिटलर आया
दुनिया में भारत की खातिर, उनने समर्थन जुटाया
आखरी सांस तक सेनानी, अंग्रेज के हाथ न आया
अपने अहम योगदान से, देश आजाद कराया
बना हुआ है मृत्यु रहस्य, देश जान न पाया
जन-जन में जीवित है सुभाष, भले नहीं है काया
कोटि कोटि वंदन चरणों में, जो लौटना घर को आया
जय हिंद जय भारत

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 471 Views
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