Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2021 · 1 min read

जन जन बेसहारा

**** जन जन बेसहारा *****
************************

हाथों में लिया हुआ झोला,
कहते सब जन उसको मौला।

बातों से बना जगत भोला,
विष जन गण मन अन्दर घोला।

झूठ का भरा पड़ा पिटारा,
भक्तों को भाया बहुत न्यारा।

तंत्र मंत्र का ले कर सहारा,
हो गया जन जन बेसहारा।

कैसा विकट यह काल आया,
निकट कोई जन न आ पाया।

भक्ति शक्ति का दे कर नारा,
खत्म कर दिया भाई चारा।

कैसी है यह दुर्गामी नीति,
वश में नहीं स्नेह और प्रीति।

सन्यासी को उठाना झोला,
पीछे फिर काहे का रोला।

मनसीरत बात करे सियानी,
हाल यही राजा या रानी।
*************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
239 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
Mukesh Kumar Sonkar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Wakt hi wakt ko batt  raha,
Wakt hi wakt ko batt raha,
Sakshi Tripathi
तू कैसा रिपुसूदन
तू कैसा रिपुसूदन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
है धरा पर पाप का हर अभिश्राप बाकी!
Bodhisatva kastooriya
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
4320.💐 *पूर्णिका* 💐
4320.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जी भी लिया करो
जी भी लिया करो
Dr fauzia Naseem shad
दिल कहे..!
दिल कहे..!
Niharika Verma
मन  के  दरवाजे पर  दस्तक  देकर  चला  गया।
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Enchanting Bond
Enchanting Bond
Vedha Singh
रम्भा की ‘मी टू’
रम्भा की ‘मी टू’
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बेटी
बेटी
नूरफातिमा खातून नूरी
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
gurudeenverma198
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Nचाँद हमारा रहे छिपाये
Dr Archana Gupta
कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता
कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता
अंसार एटवी
गर जानना चाहते हो
गर जानना चाहते हो
SATPAL CHAUHAN
छिपे दुश्मन
छिपे दुश्मन
Dr. Rajeev Jain
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
लड़को की समस्या को व्यक्त किया गया है। समाज में यह प्रचलन है
पूर्वार्थ
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक
डॉ. उमेशचन्द्र सिरसवारी
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
Rambali Mishra
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
दोहे-
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
घर घर कान्हा!
घर घर कान्हा!
Jai krishan Uniyal
वादा
वादा
Ruchi Sharma
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
कितना ज्ञान भरा हो अंदर
Vindhya Prakash Mishra
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
Shweta Soni
सुना था,
सुना था,
हिमांशु Kulshrestha
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय*
Loading...