Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2019 · 1 min read

जन्म देने वाले…

जन्म देने वाले, तू इतना तो बोल रे,
कैसे चुकाऊँ इन, साँसों का मोल रे…

गर्भ में संभाला मुझे, माँ का सहारा बनकर,
सुध बुध नहीं थी तूने, सहा मेरा बोझ रे…

कैसे चुकाऊँ इन….

ज्यों ज्यों बढ़ा जीवन में, तूने फरिस्ता बनकर,
जीवन सुधारा मेरा, दिया मुझे बोध रे…

कैसे चुकाऊँ इन….

शिक्षित कराया और, शक्ति अपार देकर,
खुद को खपाया लेकिन, दिया मुझे ओज़ रे…

कैसे चुकाऊँ इन….

अपने ही दम से चलूँ, औरों को सहारा देकर,
सदा यही चाहा, कुछ मांगा नहीं और रे…

कैसे चुकाऊँ इन….

सब कुछ दिया है तूने, मुझे दातार बनकर,
मेरे शीश पर है तेरी, दुआ अनमोल रे…

कैसे चुकाऊँ इन….

-अशोक शर्मा
दूरभाष :- +919869700711

Language: Hindi
245 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
_सुविचार_
_सुविचार_
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
तू है तो फिर क्या कमी है
तू है तो फिर क्या कमी है
Surinder blackpen
" लहर लहर लहराई तिरंगा "
Chunnu Lal Gupta
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सफ़ीना हूँ तुझे मंज़िल दिखाऊँगा मिरे 'प्रीतम'
आर.एस. 'प्रीतम'
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
आपकी अच्छाईया बेशक अदृष्य हो सकती है
Rituraj shivem verma
अब तो उठ जाओ, जगाने वाले आए हैं।
अब तो उठ जाओ, जगाने वाले आए हैं।
नेताम आर सी
व्यथा पेड़ की
व्यथा पेड़ की
विजय कुमार अग्रवाल
“ जीवन साथी”
“ जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
हादसे ज़िंदगी का हिस्सा हैं
Dr fauzia Naseem shad
I've washed my hands of you
I've washed my hands of you
पूर्वार्थ
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
■ क़तआ (मुक्तक)
■ क़तआ (मुक्तक)
*Author प्रणय प्रभात*
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कँवल कहिए
कँवल कहिए
Dr. Sunita Singh
खता कीजिए
खता कीजिए
surenderpal vaidya
गरमी का वरदान है ,फल तरबूज महान (कुंडलिया)
गरमी का वरदान है ,फल तरबूज महान (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हिय  में  मेरे  बस  गये,  दशरथ - सुत   श्रीराम
हिय में मेरे बस गये, दशरथ - सुत श्रीराम
Anil Mishra Prahari
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
प्लास्टिक बंदी
प्लास्टिक बंदी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...