जन्में श्री कृष्णा
आज आया है घर मेरे सांवरे
मेरीअँखिया भी सूखी इंतजार में
मेरे नैनों की बुझी अब प्यास रे
तेरी महिमा है बड़ी अपरम पार ये
आज आया है घर मेरे सांवरे
मेरी अँखिया भी सूखी इंतजार में
सांवरी सूरत तेरी मन मोहे भावे है
नैन हैं तेरे दिखते ऐसे
जैसे चाँद आँगन में आवे है
ऐसे जाना न अब मुझे छोड़ के
मेरा दूजा नहीं कोई और रे
आज आया है घर में सांवरे
मेरीअँखिया थी तेरे इंतजार में
रोज सापनों में आकर के तु
दिल को बड़ा तड़पावे है
झूला में झूले लागे गोद में झूले है
बांसुरी बजावे जब तु तो
लगता मुझको बिलावे है
नहीं जाना मुझे अब छोड़ के
नहीं चाहूं तेरे बिन कुछ और रे
आज आया है घर में सांवरे
कब से अँखिया थी तेरे इंतजार में