“जन्माष्टमी का त्योहार है”
जन्माष्टमी का त्योहार है,
चारों तरफ़ खुशियों की बहार है।
मुरली मनोहर, किशनकन्हैया,
गोपी प्रिये, रासरचाईया।
सबको तुम्हारे जन्म का इंतजार है।
जन्माष्टमी का त्योहार है,
चारों तरफ़ खुशियों की बहार है।
मीरा प्रभु ,राधा प्रिये, रुक्मणि के स्वामी
प्रभु विनती सुनो हमारी,
चारों तरफ़ फूलों की बरसात हैं।
जन्माष्टमी का त्योहार है,
चारों तरफ़ खुशियों की बहार है।
मेरे भी दुखों को दूर कर,
खुशियों से झोली भर दो।
अंधेरा मिटा के,
चारों तरफ़ प्रकाश कर दो।
गोविन्द तेरे दर्शन की खातिर,
भक्तों की लम्बी लगीं कतार है।
जन्माष्टमी का त्योहार है,
चारों तरफ़ खुशियों की बहार है।
सुदामा सखा,पांचाली के गोविन्द,बहुत सारे तुम्हारे नाम है,
दुष्टों का किया उद्धार है।
दुध, दही से भरी मटकी,
मक्खन सब आपके प्रिये प्रसाद है।
जन्माष्टमी का त्योहार है,
चारों तरफ़ खुशियों की बहार है।