*जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)*
जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है (मुक्तक)
जन्मभूमि है रामलला की, त्रेता का नव काल है
राज अयोध्या कौशल्या मॉं, गर्वित दशरथ भाल है
कागभुशुंडी जी हर्षित हैं, बाल-रूप को देखकर
ठुमक-ठुमक कर प्रभु की मनहर, मंगलकारी चाल है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997 615 451