Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2020 · 1 min read

जन्नत

तेरा ही नाम
नजर आता है मुझे
जब भी पलटता हूं
पन्ना किताब का ।

तेरा ही जिक्र
होता है महफिल मे
जब भी लगा लेता हूं
तड़का शराब का ।

तेरा ही आंचल
पनाह देता है मुझे
जब भी तलाश करता हूं
पल सुकून का ।

तेरा ही साथ
जन्नत सा लगता है
जब भी चख लेता हूं
अमृत प्यार का ।।

राज विग 20.06.2020

Language: Hindi
6 Likes · 303 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दान
दान
Mamta Rani
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
Paras Nath Jha
kavita
kavita
Rambali Mishra
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
#आधार छंद : रजनी छंद
#आधार छंद : रजनी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
भरत कुमार सोलंकी
चाय के दो प्याले ,
चाय के दो प्याले ,
Shweta Soni
भगवा रंग में रंगें सभी,
भगवा रंग में रंगें सभी,
Neelam Sharma
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
‘प्रकृति से सीख’
‘प्रकृति से सीख’
Vivek Mishra
Khuch rishte kbhi bhulaya nhi karte ,
Khuch rishte kbhi bhulaya nhi karte ,
Sakshi Tripathi
शब्दों का महत्त्व
शब्दों का महत्त्व
SURYA PRAKASH SHARMA
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
रुसवा दिल
रुसवा दिल
Akash Yadav
#justareminderdrarunkumarshastri
#justareminderdrarunkumarshastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
परदेसी की  याद  में, प्रीति निहारे द्वार ।
परदेसी की याद में, प्रीति निहारे द्वार ।
sushil sarna
" नयी दुनियाँ "
DrLakshman Jha Parimal
"वो जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
दिनकर/सूर्य
दिनकर/सूर्य
Vedha Singh
हम तब तक किसी की प्रॉब्लम नहीं बनते..
हम तब तक किसी की प्रॉब्लम नहीं बनते..
Ravi Betulwala
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
पुरुष का दर्द
पुरुष का दर्द
पूर्वार्थ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
यह प्यार झूठा है
यह प्यार झूठा है
gurudeenverma198
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
तुलनात्मक अध्ययन एक अपराध-बोध
Mahender Singh
मैं अपना जीवन
मैं अपना जीवन
Swami Ganganiya
"खुद को खुली एक किताब कर"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
*** तूने क्या-क्या चुराया ***
Chunnu Lal Gupta
"संसद और सेंगोल"
*प्रणय प्रभात*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
*सबसे अच्छी मॉं के हाथों, निर्मित रोटी-दाल है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...