जनहरण घनाक्षरी
जनहरण घनाक्षरी – यह एक वर्णिक छंद है।इसमें कुल 31 वर्ण होते हैं- 30 लघु वर्ण होते हैं तथा चरणांत में 1 दीर्घ (ऽ) वर्ण का प्रयोग किया जाता है। 8,8,8,7 पर यति को उत्तम माना जाता है, वैसे 16,15 पर भी यति का प्रयोग किया जा सकता है।
घन नभ गरजत ,रिमझिम बरसत,
अनुपम छवियुत ,सब हरित धरा।
तरुवर विकसत, खग-मृग हरषत,
हर नद सरवर, पय दिखत भरा।
ऋतु अति मनहर, सब विधि सुखकर,
तृषित अधर जन ,दुख सकल हरा।
चपल तड़ित द्युति,चमकत नभ पर,
पिय बिनु सखि हिय,नित रहत डरा।।