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29 Aug 2021 · 1 min read

जनवादी गीत

कहीं पीटल
जाता मज़दूर
कहीं लूटल
जाता किसान…
(१)
ज़ोर-जुल्म के
चक्की में
दिन-रात
पीसल जाता
अवाम…
(२)
सांच खातिर
आवाज़ उठावअ
जो मुंह में
बाटे ज़बान…
(३)
पुलिस से
अदालत ले
आज सरकार के
भईल ग़ुलाम…
(४)
रूह कांपेला
देखके
लोकतंत्र के चेहरा
लहूलुहान….
(५)
दुनिया भर में
देश के इज्ज़त
आज हो रहल
बाटे नीलाम…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra

Language: Bhojpuri
Tag: गीत
906 Views
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