Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jan 2022 · 1 min read

जनवरी

जनवरी , जब तुम आती हो
ढेर सारी खुशियाँ लाती हो

जन -मन उमंग से भर जाए
हर्ष बादल धरा पर घिर आए

न्यू ईयर मना रही है प्रकृति
नव सोच से भरी है प्रवृत्ति

लहराता है तिरंगा हमारा
पर्व जनवरी का है न्यारा

Language: Hindi
77 Likes · 744 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all
You may also like:
प्रिये..!!
प्रिये..!!
पंकज परिंदा
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
एक और सुबह तुम्हारे बिना
एक और सुबह तुम्हारे बिना
Surinder blackpen
4283.💐 *पूर्णिका* 💐
4283.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भोगी
भोगी
Sanjay ' शून्य'
जियो जी भर
जियो जी भर
Ashwani Kumar Jaiswal
"दुधावा डैम"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में बहुत रखते हो जी
दिल में बहुत रखते हो जी
Suryakant Dwivedi
आया है प्रवेशोत्सव
आया है प्रवेशोत्सव
gurudeenverma198
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
बाल्मीकि जयंती की शुभकामनाएँ
Dr Archana Gupta
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
सम्मान करे नारी
सम्मान करे नारी
Dr fauzia Naseem shad
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
साहित्यकार गजेन्द्र ठाकुर: व्यक्तित्व आ कृतित्व।
Acharya Rama Nand Mandal
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
हमारे जैसों की समाधि के चौरे पर कोई आकर सुवासित पुष्प क्यों
इशरत हिदायत ख़ान
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
Ajit Kumar "Karn"
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
अरे वो बाप तुम्हें,
अरे वो बाप तुम्हें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*मेरा आसमां*
*मेरा आसमां*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ममतामयी मां
ममतामयी मां
Santosh kumar Miri
प्रणय गीत --
प्रणय गीत --
Neelam Sharma
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
*बांहों की हिरासत का हकदार है समझा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
#आज_की_कविता :-
#आज_की_कविता :-
*प्रणय*
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
Dr.Archannaa Mishraa
Loading...