जनमदिन तुम्हारा !!
आज फिर याद आ गये मुझे,
अल्हड़पन के दिन, जो बीत गये,
खूबसूरत वो पल, जाने कहाँ बीत गये
उन सवेरो को इंतेज़ार रहता था तेरा,
तेरी मुस्कुराहट का मोहताज़ था चेहरा, मेरा
सुनहरे से थे दिन, लालीम्म सी शाम
कालेज के दिन और बहुत सारा काम
अल्हड़पन के दिन जो बीत गये
खूबसूरत वो पल, जाने कहाँ बीत गये
लेक्चर भी थे, बोरिंग लगते से थे,
पीछे की बेंच घेरे, बुदबुदते चेहरे भी थे,
काग़ज़ के हवाई उड़ते भी थे
खिड़की के बाहर इंतेज़ार करते दोस्त भी थे
इन सबके बीच, हम-तुम भी थे
एक अलग पहचान बने, ऐसे सपने भी थे
अल्हड़पन के दिन जो बीत गये,
खूबसूरत वो पल, जाने कहाँ बीत गये!!
ज़िंदगी की राहों में आगे बढ़ चले हम
यूँ, की तेरे चेहरे को तरस गये हम
आज किस्मत ने दिन फिर मुबारक दिया
उन हसीन पलों को फिर जी लेने का मौका दिया
आओ मिल बैठे फिर एक बार हम
जनमदिन तुम्हारा मनाए सौ बार हम!!