Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Oct 2020 · 1 min read

जनप्रतिनिधि इंसान करो

जनप्रतिनिधि इंसान करो…

लोकतंत्र का ध्यान करो
सब अपना मतदान करो…

यह अवसर सबसे अच्छा
अच्छे की पहचान करो…

रुपया, कपडा, दारू ना
वोट सदा विज्ञान करो….

सुने समस्या जो जन की
उसका ही गुणगान करो…

उत्तम हो जिनका चरित्र
घर अपने मेहमान करो…

करता जो सम्मान सुनो
तुम उसका सम्मान करो….

कभी भूलकर भी अपना
सेवक मत शैतान करो….

जाति-धर्म से ऊपर उठ
जनप्रतिनिधि इंसान करो….

डाॅ. राजेन्द्र सिंह “राही”
सर्वाधिक सुरक्षित
दिनांक 27-10-2020

2 Likes · 256 Views

You may also like these posts

मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
ओनिका सेतिया 'अनु '
वंदे मातरम
वंदे मातरम
Deepesh Dwivedi
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
बरेली में झुमका यहाँ गिरा...
अरशद रसूल बदायूंनी
"फुरसतें सबके लिये जुटाई हमनें मग़र.,
पूर्वार्थ
प्रेम विवाह
प्रेम विवाह
जय लगन कुमार हैप्पी
"दूरी के माप"
Dr. Kishan tandon kranti
कविता की धरती
कविता की धरती
आशा शैली
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
राजा अगर मूर्ख हो तो पैसे वाले उसे तवायफ की तरह नचाते है❗
शेखर सिंह
*सावन में अब की बार
*सावन में अब की बार
Poonam Matia
बस भी करो यार...
बस भी करो यार...
Abasaheb Sarjerao Mhaske
My Sweet Haven
My Sweet Haven
Tharthing zimik
मिले मुफ्त मुस्कान
मिले मुफ्त मुस्कान
RAMESH SHARMA
ज्ञान-दीपक
ज्ञान-दीपक
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
पाँव की पायल
पाँव की पायल
singh kunwar sarvendra vikram
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
दुःख बांटने से दुःख ही मिलता है
Sonam Puneet Dubey
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
खुशी कोई वस्तु नहीं है,जो इसे अलग से बनाई जाए। यह तो आपके कर
Paras Nath Jha
कर्म कभी माफ नहीं करता
कर्म कभी माफ नहीं करता
नूरफातिमा खातून नूरी
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
मृग-मरीचिका
मृग-मरीचिका
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
*जो भी जन भोले-भाले हैं, उनको केवल पछताना है (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
4112.💐 *पूर्णिका* 💐
4112.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
Neelofar Khan
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मीठा गान
मीठा गान
rekha mohan
सत्य का बल
सत्य का बल
Rajesh Kumar Kaurav
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
एक ऐसी रचना जो इस प्रकार है
Rituraj shivem verma
"जो शब्द से जुड़ा है, वो भाव से स्वजन है।
*प्रणय*
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
Phool gufran
Loading...