जनक छंद में तेवरी
तेवरी काव्य
जनक छंद में तेवरी –एक कोशिश
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छंद विधान:
मापनी: हर प्रथम पंक्ति में मात्राएँ 22 22 २12 =13
हर दुसरी पंक्ति में 22 22 २12, 22 22 २12 अर्थात इस तरह 13,13 पर यति
गंदे से इंसान सा
टुकड़े जैसे दान सा,मत सहना अपमान तुम.
थूके जैसे पान सा
अधमर जैसी जान सा, मत सहना अपमान तुम.
बहरे-बहरे कान सा
रोने जैसी तान सा, मत सहना अपमान तुम.
सूखे-सूखे धान सा
अहसानों से मान सा, मत सहना अपमान तुम.
बिन कारण अभिमान सा
अधकचरे से ज्ञान का, मत सहना अपमान तुम.
हरगिज़ झूठी शान सा
हर पल तीर कमान सा, मत सहना अपमान तुम.
झूठे से गुणगान सा
बस नकली तूफ़ान सा, मत सहना अपमान तुम.
@ Sahaj Sahaj (डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’)