जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
चेतनता खिले गुलाब-सी, ख़ुशबू दे अनुकूल।।
रहो हमेशा गतिमान तुम, फूलो फलो जहान।
कार्य करो सब शुभ नेक तुम, जीवन बने महान।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’
जड़ता है सरिस बबूल के, देती संकट शूल।
चेतनता खिले गुलाब-सी, ख़ुशबू दे अनुकूल।।
रहो हमेशा गतिमान तुम, फूलो फलो जहान।
कार्य करो सब शुभ नेक तुम, जीवन बने महान।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’