Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Nov 2018 · 1 min read

जटिलता

हृदय बड़ा उद्विग्न है..
सना हुआ है विघ्न में..
बड़ी विकट पड़ी घड़ी..
हूं तक रही खडी खड़ी..
है आज मौन खुद “धरा”..
है किस जगह मेरी #धरा
ये किस गगन के चंद्रमा को
मुख मेरा निहारता..
ये कौन आसमान से…
आवाज़ दे पुकारता!!
हूं खुद से यूंही भिन्न मै..
खुदी में छिन्न-भिन्न मै..
क्यों डूबती ही जा रही..
ना छोर कोई पा रही..
है खुद पे कोई वश नहीं..
हां बाध्य है विवश नहीं..
कहीं करे सुनी करे…
ना फिर भी खाली पन भरे..
वो एक चीज क्या बता??
हो जिस पे जान वारता
ये कौन आसमान से
आवाज़ दे पुकारता!!!
** Ku Priya मैथिल

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 410 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Priya Maithil
View all
You may also like:
😢मौजूदा दौर😢
😢मौजूदा दौर😢
*प्रणय*
मैं तेरी हो गयी
मैं तेरी हो गयी
Adha Deshwal
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हम सुख़न गाते रहेंगे...
हम सुख़न गाते रहेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
शक
शक
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
हे मेरे वतन, तुझपे कुर्बान हम
gurudeenverma198
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
गीतिका और ग़ज़ल
गीतिका और ग़ज़ल
आचार्य ओम नीरव
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
आज,
आज,
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम - एक लेख
प्रेम - एक लेख
बदनाम बनारसी
सच तो जिंदगी भर हम रंगमंच पर किरदार निभाते हैं।
सच तो जिंदगी भर हम रंगमंच पर किरदार निभाते हैं।
Neeraj Agarwal
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
आसमान में गूँजता,
आसमान में गूँजता,
sushil sarna
" मगर "
Dr. Kishan tandon kranti
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
Chaahat
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
ऐसा क्या लिख दू मैं.....
Taj Mohammad
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Pain of separation
Pain of separation
Bidyadhar Mantry
आँखें खोलूं तो सारा ज़माना नज़र आता है,
आँखें खोलूं तो सारा ज़माना नज़र आता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्षा- रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
मिलना यह हमारा, सुंदर कृति है
Suryakant Dwivedi
3256.*पूर्णिका*
3256.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
राम अवध के
राम अवध के
Sanjay ' शून्य'
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
यात्रा ब्लॉग
यात्रा ब्लॉग
Mukesh Kumar Rishi Verma
#नेकी ही धनवान
#नेकी ही धनवान
Radheshyam Khatik
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Loading...